बिना संस्कार के ज्यादा पढ़ाई बहुत खतरनाक हो जाती है। कम पढ़े लिखे तो छोटे-छोटे भ्रष्टाचार करते हैं, पर पढ़े-लिखे तो लाखों-करोड़ो हजम कर जाते हैं।
अपनी ग़लतियों पर हम बहुत अच्छे वकील है और दूसरों की ग़लतियों पर बहुत अच्छे न्यायाधीश।
यहाँ तहजीब बिकती है, यहाँ फरमान बिकते हैं, तुम कीमत तो लगाओ, यहाँ इंसान बिकते हैं।
जनता की ताकत ही नेता की ताकत होती है।
समाज की गन्दगी राजनीति के कीचड में उतरने से ही साफ़ होती है, पर अफ़सोस उस कीचड़ में जाकर कुछ लोग समाज की तो दूर अपनी गन्दगी भी दूर नहीं करना चाहते।
राजनीति फैसलों को तब तक टालते रहने की कला है, जब तक उनकी जरुरत ख़त्म न हो जाये या समाज उन्हें भूल न जाये।
कभी-कभी अपराध समाज के लिए उतने खतरनाक नहीं होते जितने की गंदे राजनीतिज्ञ।
युद्ध में एक बार मरा जाता है लेकिन राजनीति में कई बार।
राजनीति सिर्फ खेल नहीं है, यह एक कमाई देने वाला बिज़नेस भी है।
जरुरी नहीं अधिक वोट सच को ही मिलें।
राजनीति अपने पर्यावरण को नियंत्रित करने की कला है।
सच वोटों से निर्धारित नहीं किया जा सकता।
कुछ लोगों की नजर में राजनीतिज्ञ वो है, जो दूसरों के पैसे से समाज सुधारना चाहते हैं।
कभी-कभी कुछ राजनीतिज्ञ देशभक्ति का ढोंग रचने से भी नहीं चूकते।
मैं अपने देश और समाज की शांति के लिए लड़ने के लिए भी तैयार हूँ।
बिना संस्कार के ज्यादा पढ़ाई बहुत खतरनाक हो जाती है। कम पढ़े लिखे तो छोटे-छोटे भ्रष्टाचार करते हैं, पर पढ़े-लिखे तो लाखों-करोड़ो हजम कर जाते हैं।
अपनी ग़लतियों पर हम बहुत अच्छे वकील है और दूसरों की ग़लतियों पर बहुत अच्छे न्यायाधीश।
यहाँ तहजीब बिकती है, यहाँ फरमान बिकते हैं, तुम कीमत तो लगाओ, यहाँ इंसान बिकते हैं।
जनता की ताकत ही नेता की ताकत होती है।
समाज की गन्दगी राजनीति के कीचड में उतरने से ही साफ़ होती है, पर अफ़सोस उस कीचड़ में जाकर कुछ लोग समाज की तो दूर अपनी गन्दगी भी दूर नहीं करना चाहते।
राजनीति फैसलों को तब तक टालते रहने की कला है, जब तक उनकी जरुरत ख़त्म न हो जाये या समाज उन्हें भूल न जाये।
कभी-कभी अपराध समाज के लिए उतने खतरनाक नहीं होते जितने की गंदे राजनीतिज्ञ।
युद्ध में एक बार मरा जाता है लेकिन राजनीति में कई बार।
राजनीति सिर्फ खेल नहीं है, यह एक कमाई देने वाला बिज़नेस भी है।
जरुरी नहीं अधिक वोट सच को ही मिलें।
राजनीति अपने पर्यावरण को नियंत्रित करने की कला है।
सच वोटों से निर्धारित नहीं किया जा सकता।
कुछ लोगों की नजर में राजनीतिज्ञ वो है, जो दूसरों के पैसे से समाज सुधारना चाहते हैं।
कभी-कभी कुछ राजनीतिज्ञ देशभक्ति का ढोंग रचने से भी नहीं चूकते।
मैं अपने देश और समाज की शांति के लिए लड़ने के लिए भी तैयार हूँ।
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